गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया?

गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी गई कविता को लेखक तब समझ पाया जब उसने गुरुदेव की लिखी आशय की कविता पढ़ी कि मैना कीड़ों को चुनकर गिरे हुए पत्तों पर मस्ती कर रही है जबकि दूसरी मैनाएं शिरीषवृक्ष पर बैठी बक-झक कर रही हैं। जब ये मैना उड़कर चली जाती है तो लेखक को समझ आया कि अन्य मैनाओं का साथ न मिलने के कारण वह उड़ कर चली गई। उसका यूं उड़ जाना बहुत करुण लगा।


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